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काला साया 

काला साया

रात का समय था और आज ट्रेन लेट थी ट्रेन रात के 9 बजे आई है और उस ट्रेन से एक डॉक्टर उतरा और उसे लेने के लिए कोई भी नही आया था और आज पास कोई भी नही था जो ऑटो रिक्शा लेकर चंदनपुर गांव के मैदान में पहुंच जाए फिर बो बहा काफी देर तक ऑटो रिक्शा देखता रहा लेकिन कोई भी नही था फिर बो स्टेशन मास्टर से बोला चंदनपुर गांव के लिए कोई वाहन नही मिले गा फिर स्टेशन मास्टर मना करता है और बोलता है तुम यहां पर ही रुक जाओ और सुबह चले जाना ये रास्ता बहुत ही भयानक और वीरान है रात कोई कोई भी यहां नही आता है और तुम यही पर रुक सकते हो लेकिन डॉक्टर बहा से चलने के लिए तैयार होता है तभी एक ऑटो रिक्शा बाला आता है और बोलता है कहा जाओगे भाई मैं तुम्हे छोड़ दें गए ये देख कर डॉक्टर उस ऑटो रिक्शा पर बैठ जाता है और बहा से चलने लगता है डॉक्टर अपने मन में ये सोच रहा था की ये ऑटो रिक्शा एक दम से कहा से आया है और पहले तो कोई भी नही देख रहा था फिर डॉक्टर हिम्मत बाध कर चलने लगता है तभी रास्ते में कुछ कुत्ते  ऑटो रिक्शा को देख कर  भोकने लगते है और जैसे ही ऑटो रिक्शा उन कुत्तों के पास पहुंचता है तो कुत्ता भाग जाते हैं रात काफी ज्यादा हो गई थी रात काफी अंधेरा था कुछ भी देख नही रहा था और चंदनपुर गांव के लिए जाने के लिए रास्ता जंगल से होकर गुजरता था आस पास कोई भी नही ऊपर से लोमड़ी के रोने की आवाज़ आ रही थी तभी एक बिल्ली कुछ दूरी पर आगे होती है और उसकी आंखे लाल होती है और बो बहुत ही अजीब तरीके से ऑटो रिक्शा को देख कर चिल्ला रही थी जैसे किसी चीज का इशारा कर रही थी लेकिन कुछ समझ में नही आ रहा था फिर एक खम्मे के लाइट पढ़ती है और बहुत ही बहा पर गढ्ढा होता है डॉक्टर  बैलेंस बिगड़ जाता है और डॉक्टर सभाल लेता है तभी उसकी  नज़र उसकी परछाई पर पढ़ती है तो बो देखता उसकी और ऑटो रिक्शा की परछाई है लेकिन बो चला रहा है उसकी परछाई  नही है तभी बो समझ जाता है की ये तो कोई काला साया है फिर बो अपने आप को संभाल लेता है और तभी उसे उसके पास कोई औरत बैठी है इस महसूस होता जिसने अपना फेस दुपट्टा से ढक रखा है फिर कुछ ही देर में उसे लगता है की कोई उसके पीछे है और हवा में तैर रहा है जिसका फेस खून से लथपथ और बहुत ही भयानक लग रहा है फिर बो समझ जाता है की कोई भी ये एक माया जाल है और भूतो में फस गया है तभी उसे अपनी मां के दिए ताबीज की याद आती है और बो ताबीज काली माता के है और उसके बैग में हनुमान जी की एक छोटी सी मूर्ति है फिर बो बहा से चल ही रहा था और बहुत डरा हुआ था तभी उसे सड़क के किनारे पर एक हनुमान जी का एक मंदिर दिखता है फिर बो उस रिक्शा से कूद जाता है और बो आत्मा उसे पकड़ने के लिए चलते है तो बो बहा से भाग कर उस मंदिर में चला जाता है आत्मा तेजी से हसने लगती है तभी बो अपने बैग से कुछ मोमबत्ती निकल कर जला देता है फिर पूरी रात हनुमान चालीसा पाठ करता है और सुबह के समय बेहोश हो जाता है तभी उस गांव का मोहन एक लड़का आता है और बोल्ट डॉक्टर मुझे माफ कर दो और मुझे कल  आपको लेने नही आ पाया क्योंकि मेरी घर में एक जरूरी काम आ गया था फिर डॉक्टर और मोहन उस चंदनपुर गांव में पहुंच जाते है ऑर डॉक्टर कैंप लगता है और कुछ गांव के और आस पास के लोग दवा लेते है और डॉक्टर मुफ्त में दवा देता है उसकी मदद मोहन करता है तभी रात हो जाती है और मोहन बोलता यहां रुकना ठीक नहीं है चलो अब घर पर चलते है लेकिन डॉक्टर मना कर देता है तभी मोहन चला जाता है और डॉक्टर के पीछे से और रोड से उसके सर पर मरता है और डॉक्टर घिर जाता है तभी बो देखता तो उस गांव का मुखिया निकलता है और मुखिया बोलता सालो पहले मैंने ही दवा में जहर मिलाया था और तभी गांव के लोग मर गए थे और आज मैं तुम्हे मार दूगा तो सब को लगेगा आत्मा ने मारा है तभी उसके पीछे कुछ भूत प्रेत आ जाते है बो आत्मा  बोल रहे थे इसके गले से ताबीज निकल दो मैने बहुत ही मुस्कील से ताबीज निकल दिया और मैं देखता रह गया आत्मा उसे लेकर कही दूर चले गय तभी एक बुजुर्ग की आत्मा आई बो बोल रही थी आज से मैं इस गांव को छोड़ दे गए आप इसी तरह से आप मदद करते रहना अब हम चलते है देखते ही बो गायब हो गा  और मैं आराम से उस गांव के लोगो की मदद भी की अब इस कहानी को यही पर खत्म करते है थैंक्यू

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