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भुंजा की एक डरावनी कहानी

भुंजा की एक डरावनी कहानी

चम्पापुरी गांव था उस गांव में मेरे मौसी और मौसा रहते थे हम एक दिन अपने मौसी के घर घूमने गया मेरी मौसी के कोई भी बच्चे नही थे और मेरी मौसी ने मुझे गोद लिया थे मेरी मौसी भूंजा के कारण मुझे बाहर पढ़ती थी क्योंकि गांव में बच्चे पढ़ते नही थे मेरी उम्र 14 साल है जब मैं अपने घर आया तो मेरी मौसी और मौसा अंदर बैठे बात के रहे थे और मैं बाहर खेलने निकल गया और मेरे घर के पास में कुछ दूरी पर एक बरगद एक बहुत पुराना पेड़ था जिसे हम वैसा ही देख रहे थे उस पेड़ को कोई रात को देखे तो डर सकता है क्योंकि बो पेड़ बहुत भयानक लग रहा था और फिर मै खेल खेलने लगा खेलते  खेलते मेरी गेंद उस बरगद के पेड़ के पास पहुंच गई और मैं बहा पर ही खेलने लगा सूरज डूब गया था और हल्का अधेरा हो गया था फिर मुझे एक बहुत ही भयानक आवाज़ आ रही थी बो में बोल रहा था आगे तुम टिंकू आओ मेरे पास आई और मैं ये आवाज सुनकर बहुत दूरी तरह भागा और अपने घर पहुंचा मेरा शरीर पसीने से लथपथ था और मैं बहुत ही डरा हुआ था ये देख कर मेरे मौसा बोले क्या हुआ बेटा तुम इतने डरे हुए क्यू हो और तुम भाग कर क्यू आए हो फिर हमने बताया कि हम अपने गेंद के साथ खेल रहे तभी मेरी गेंद उस बरगद के पास पहुंच गई और बहा बहुत ही अजीब आवाज मुझे सुनाई  दे रही थी और मैं फिर बहा से भाग आया बो आवाज़ में बोल रहा था आओ आओ टिंकू तुम आ गए हो मेरे पास आ जाओ अब सोहन लाल और लीला देवी बहुत ही ज्यादा डर गए थे और समझ गए कुछ तो होने बाला है और बो बोले देखो बेटा मेरी बात ध्यान से सुनो और तुम उस आवाज़ पर अब ध्यान मत देना अगर सुनाई दे तो भी तुम ध्यान मत देना तो कुछ ही देर में अपने आप बो आवाज़ आना बंद हो जाय गई फिर रात का खाना खा कर हम अपनी मौसी के पास ही लेट क्योंकि मुझे बहुत ज्यादा डर लग रहा था फिर अगले दिन मौसा और मौसी कुछ काम से बाहर गए और मैं घर मार अकेला ही था और फिर मै अपनी किताब निकल कर पढ़ाई कर रहा था तभी मुझे एक बार फिर से बो आवाज सुनाई दी तो मैंने उस आवाज़ पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और अपनी किताब पढ़ता रहा फिर कुछ देर में मेरा गेट बजने लगा मुझे लगा की मौसी और मौसा आते हो गाय तो मैंने गेट खोल दिया जब मैने देखा तो मेरी जान सी निकल गई क्योंकि बाहर एक छोटा बच्चा जो देखने। मेबाहुट भयानक  उसकी बहुत बडी आंखे और उसका शरीर पूरा नीला था और उसके सर पर एक  लंबी अजीब से छोटी थी और बो बोल रहा था आओ मेरे पास आ जाओ फिर मैने गेट बंद किया और मैं अपने कमरे में आ गया  और मैं बहुत ही ज्यादा डर  गया थे तभी मेरे मौसी मौसा आ गए उन लोगो ने  मुझे डरा हुआ देख कर समझ गए की फिर से भुंजा ने मुझे परेशान किया और फिर मैने सारी बात अपने मौसी और मौसा को बताई मेरे मौसा बोले तुम टिंकू के पास रुको मैं अभी वापस आता हु और मेरे मौसी मुझे बहुत बात कर रही थी जो मेरा डर काफी दूर हो गया था और फिर मेरे मौसा वापस आते उनके साथ एक बाबा थे जो मेरे पास आए और बोले तुम ये बताओ तुमने कहा कहा देखा था फिर मैंने उन्हें सारी बात बताई बाबा बोले आज की रात बहुत ही ज्यादा घटित होने बाली है इसलिए तिनकुंको इस घर में नही रख सकते बो मुझे मेरे दूसरे घर में ले गाय और एक कमरे में उन्होंने दो बड़े चावल से गोला खींचे और फिर चारो तरफ घी के दिए जलाए और मुझे उस कमरे में बैठा कर बोला आज की रात तुम्हे यहां अकेले ही रहना होगा और मेरे हाथ में मौली बाध दिया और बोले बेटा तुम कोई भी हरकत मत करना और तुम किसी भी हाल में अपना गेट मत खोलना चाहे तुम्हे कोई भी आवाज सुनाई दे  तुम अपने इसी गोला में बन रहने मैं तुम्हे सुबह लेने आए गए और फिर बाबा बहा से चल गए और रात को उन्होंने बाहर से ताला लगा दिया था फिर रात ke समय बो में घर गया और में घर का गेट बजाता रहा जब मैं बहा नही मिला तो बो पूरे गांव में चक्कर लगाने लगा और फिर बो मेरे उसी घर में आ गया जा मैं था बो बोला आओ टिंकू तुम मेरे पास आ जाओ मैं तुम्हे हर जगह देख आए हैं फिर बो आवाज सुनने से बहुत ज्यादा डर रहा था और तब बो कुछ नही बोला कुछ देर में आवाज आना अपने आप बंद हो गई  और फिर अचानक से मेरे मौसा की आवाज आई बेटा गेट खोलो और बहुत तेजी से रो रहे थे बोल रहे थे तुम्हारी मौसी अब इस दुनिया में नही है मुझे लगा सच में मेरे मौसा है मैं जैसे ही खड़ा हुआ तो मेरे हाथ की मौली काली पढ़ गई थी बाबा ने मुझे बताया था की अगर भुंजा तुमरे आस पास होगा तो ये मौली काली पढ़ जाएगी और फिर बो टिंकू समझ गया था की उसके मौसा नही बल्कि भुंजा अपने जाल में फसा रहा है फिर मैं उसी बोले में सो गया और तभी मेरे बाबा आ गए और बोले उठो टिंकू बेटा उन्होंने मेरे हाथ का मौली निकल कर फेक दी और दूसरी मौली बाध ली फिर बो बोले चलो बाहर और फिर रात की सारी बात मैने अपने मौसी और मौसा को बताई फिर बाबा ने बोला अब तुम्हारा बो कुछ नही कर सकता है फिर मेरी मौसी ने बताया कि बहुत पहले एक ब्रामण का बेटा इसी पेड़ पर फांसी लगा कर मार गया था और बो छोटे बच्चो के पीछे पढ जाए तो उन्हे मार डालता है गांव के बहुत सारे बच्चे मार डाले है इसी कारण गांव के बच्चो के गले या हाथ में ताबीज है लेकिन हमे याद नही रहा था तुम तो मेरी स्ट्रॉन्ग बच्चा निकले जो तुमने उसके झांसे में नही आए और अब ये कहानी यही पर खत्म करते हैं कहानी अच्छी लगे तो जरूर बताएं और साथ में इसे कहानी को शेयर भी करे

थैंक्यू


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