मंदिर की डरावनी कहानी
ये कहानी रामपुर के पीछे एक मंदिर की है जो बहुत पुरानी हो चुकी है और इसे पढ़कर मजा भी आयेगा ये कहानीयर दादा जी ने मुझे सुनाई थी बहुत पहले रामपुर गांव के पीछे एक मंदिर था उस मंदिर में सोने की मूर्ति थी थी और बहुत पैसे चढ़ते थे उस मंदिर की देख भाल मेरे गांव के रामू काका करते थे उनका इस दुनिया में कोई भी नही था उनकी जगह जमीन को बेच कर ही बो मंदिर बन बाया गया था और उस मंदिर के बनाने से उस गांव के लोग बहुत खुस हुए थे क्योंकि बो जानते थे की अब इस मंदिर में आराम से पूजा कर देगे पहले लोग दूसरे गांव में पूजा करने जाते थे रामू काका के लिए खाना गांव के लोग ही ले जाते थे कोई न की टाइम से खाना दे देते थे बो उसी मंदिर में आराम से रहते थे एक दिन कुछ चोर रात को आए रामू काका सो रहे थे तभी चोर सोने की मूर्ति ले जाना चाहते थे इस्तने में काका जाग जाते है और बो मूर्ति नही ले जाने देते है और चोर का को मार देते है बहा से मूर्ति चुरा के बेच देते है तबाही सुबह सुनील उदार ही घूमने जाता है तो देखता काका मर गए हैं और मूर्ति भी गायब हो गई है और फिर बो गांव बालो को बताता है तो सब लोग बहुत दुखी होते है और तभी सबकी नजर पढ़ती तो मूर्ति भी नही होती है और अब गांव वाले पुलिस को भी बताते है लेकिन कुछ भी फायदा नही होता है एक दिन अचानक से उस मंदिर में मूर्ति आ जाती है ये गांव वाले देख कर बहुत खुस हो जाते है यही रात की काका की आवाज़ आती हैं और कोई भी उस मंदिर की तरफ नही जाता है और लोग बोलते है की अगर कोई रात को जाए तो बो जिंदा नही लौटे गा ये बात उस के लड़को को पता चलती है तो बो लड़के बहा जाने का फैसला लेते है और उस मंदिर में चले जाते है रात को चारो तरफ बहुत अधेरा था और उस सब की दिलो की धड़कन तेज हो रही थी और साथ बो सब हिम्मत कर के बैठे रहे रात काफी हो चुकी थी लेकिन अभी कोई भी बहा नही आया था तभी एक लड़का एक किताब लाता है बो किताब काका पड़ते थे बो लोग किताब को पढ़ ही रहे थे तभी मंदिर के घंटी अपने आप बजने लगती है और सब देख कर डर जाते है तभी काका आए तो बो लोग बहुत डर जाते है काका बोलते है डरो मत मैं तुम्हे कोई नुकसान नही पहुचाए गए फिर उन लड़को को कुछ हिम्मत आती है तभी काका सारी बात बताते है की कैसे चोरों ने उन्हें मरा था मैं अब इस मंदिर की देख भाल करते है जो की अब कोई भी चोरी करने न आए ये सुन कर सब खुस हो जाते है और तब तक सुबह हो जाती है और काका चले जाते है और हम लोग भी अपने घर वापस चले जाते है
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Thanku
मरने के बाद हर कोई सताता ही नही है कोई कोई देख भाल भी करते है