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भूतो का जंगल

भूतो का जंगल

उत्तर प्रदेश के जिला इटावा में एक गांव चम्मापुरी था उस गांव के पास एक बहुत घना जंगल था बो जंगल में भूतो का बास था और उस जंगल में रात को कोई जाता था तो बो कभी वापस नही आ पता था उस गांव के मुखिया का बेटा बाहर पढ़ता था बो एक दिन अपने गांव में आया है और उसे बहुत लोगो ने उसे बताया कि जंगल में कोई रात को जाए तो बो कभी भी वापस नही आता है ये सुन कर अलोक हसने लगता है और बो भूतो या आत्मा को नही मानता था फिर बो रात को जंगल में जाने का फैसला करता है और रात को अपना फोन और चाकू और माचिस ले कर जंगल में जाता है बो जंगल के बहुत अंदर तक जाता है तो उसे एक मंदिर दिखाई पढ़ता है उस मंदिर में एक दीपक जलता हुआ दिखाई पढ़ता है बो दीपक को देख कर बो बहुत ही सोच में पढ़ जाता है की इस घने जंगल में दीपक को जलने के लिए कोन आता है फिर बो हिम्मत करके उस मंदिर के ऊपर चढ़ जाता है और अंदर देखता तो कोई भी नही होता है और तभी हसने की आवाज़ सुनाई देती है आवाज़ को सुनते ही अलोक में होश उड़ जाते हैं क्योंकि बो आवाज बहुत ही डराबनी थी फिर कुछ ही देर में एक औरत की आत्मा उसके सामने आ जाती है फिर देखत ही देखते बो आत्मा उससे बोलने लगती है तू  यहां की करने आया है और तुझे क्या अपनी जान प्यारी नही है फिर बो बोलता है तुम कोन हो अगर मुझे मरना चाहती हो तो मुझे मार डालो लेकिन हमे बताओ की तुम हो कोन फिर बो आत्मा बताती है मेरा नाम मीरा है और मैं एक दिन रात के समय पूजा के लिए इसी मंदिर में आई थी और पूजा करके घर वापस जा रही थी तभी रास्ते में कुछ आदमी ने मेरा रास्ता घेरा और मुझे छेड़ने लगे मैं उस दिन अपनी जान बचा कर भाग गई और दूसरे दिन मैं अपने पति सुरेश को साथ में लेकर आई बो आदमी आज भी मुझे छेड़ने लगे ये सुरेश ने बहुत मना किया बो आदमी शराब के नशे के कारण उन्होंने सुरेश को मिल कर मार दिया और मेरे साथ एक साथ मिल कर संभोग किया ये मुझे सहन नही नही हुआ मैने बहुत बिनती की थी बो मेरे पति को छोड़ दे और मेरे साथ चाहे कुछ भी करे और फिर उन लोगो ने मेरे पति को मार डाल मुझे सहन न होने के कारण मैंने मंदिर में जाकर फाशी लगा ली और मैं भी मर गई गांव बालो ने मुझे  इंसाफ भी नही दिलाया और मेरी आत्मा इंसाफ मगती हैफीर अलोक ने पूछा तुम्हारे साथ ये गन्दी हरकत की किसने थी फिर गांव के राजेश सोहन लाल और रामबाबू ये तीन थे फिर अलोक ने इन तीनों को सजा दिलवाई और एक रात को मंदिर में फिर गया तो बो आत्मा बहुत ज्यादा खुस थी और बो हमेशा के लिए बो मंदिर की सेवा करने लगी कुछ दिनो में उसकी आत्मा को मुक्ति मिल गई और अब गांव वाले आराम से रहने लगे अब उन लोगो को किसी प्रकार का कोई भी डर नहीं था और ये कहानी यही पर खत्म करते हैं इसी कहानी पढ़ने के लिए मेरे लिंक पर आए

थैंक्यू


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