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श्राभित कुआ

श्राभित कुआ

अनुज नाम एक लड़का अपनी मम्मी के साथ रहता था उसका एक बड़ा भाई था और उसके पिता जी कार एक्सीडेंट में बहुत पहले खत्म हो गाय थे और उसकी मां ने बहुत ही मेहनत करके उन दोनो को पाला था अब अनुज का बडा भाई एक नौकरी करने लगता है और अनुज कुछ काम नही करता है और अपने दोस्तो के साथ घूमता रहता है ये देख कर बो शीला और रोहित बहुत परेशान रहते है की ये कब सुधरे गा फिर रोज के जैसे आज भी अनुज घर से बाहर निकल जाता है और आज बो अपने दोस्तो के साथ बैठा था अनुज को हॉरर स्टोरी सुनना बहुत ज्यादा पसंद था क्यों कि बो जनता था की ये भूत प्रेत आत्मा कुछ नही होते है ये सब अपने अन्दर का बैहम होता है अनुज बहुत ही डरावने भयानक जगहों पर घूमता रहता है और बो अपने दोस्तो से बहुत बात कर रहा था तभी सोनू बोलता है यॉर अपने गांव के पास में एक जंगल है बहा एक कुआ है जिसमे लोग रोज पानी भरने जाते है लेकिन दिन में तो सब जाते है और रात में अगर कोई भी उस कुएं के पास आ जाए तो मार दिया जाता है बहुत टाइम पहले रमेश नाम का एक आदमी था जो कुछ काम नही करता था और बहुत ज्यादा शराब पीता था उसकी सादी हो गई थी और उसकी पत्नी का नाम सीमा था बो भूत ही सीमा को मारता था अगर बो कुछ बोल दे तो इसलिए सीमा कुछ बोलती नही थी चुपचाप सब कुछ सहती रहती थी अब दिन रमेश अपने घर आया और उसने खाने के लिए माग सीमा कुछ नहीं बोलती है और अपना काम करती रहती रमेश ने कुछ ही खाना देखा तो था ही नही और कोई राशन भी नही था जो सीमा कुछ बना देती इतने में रमेश सीमा को बहुत मारता है और उसे मारता रहता है फिर सीमा अपने का सर दिवाल में लग जाता है और बो मार जाती है फिर रमेश को कुछ समाज नही आता है फिर बो सीमा की पास जंगल के कुएं फेक देता है ये सुनकर अनुज बोलता है यार तब तो इस जगह पर जाना चाहिए फिर सब मना करते है तुम बहा मत जाना नही तो तुम भी मार दिए जाओगे फिर कुछ देर में बोलता चलो ठीक है मैं नही जाऊंगा और अपने घर जाता है फिर उसकी मम्मी बोलती है कभी तो टाइम पर घर वापस आ जाया करो क्यों नही आते हो  फिर बोलती हाथ मुंह धो लो खाना लगा दिया है और खा लो फिर अनुज खाना खाता है और तभी उसकी मम्मी बोलती तू पढ़ता भी नही और कोइंकम भी नही करता है कुछ तो काम किया कर फिर रमेश बोल्टभाई ठीक है मैं कल ही काम देख लेगे और काम करने लगे गए फिर उसकी माता बोलती ये तो रोज बोलते हो लेकिन करते कभी नही हो और फिर रमेश अपने कमरे में चला जाता है और इंतजार करने लगता है जब रात के 12 बजे फिर बो उसी जंगल में जाए अब उसे बो टाइम बहुत ज्यादा लग रहा था फिर 12 बज जाते है और बो बही के लिए निकल आता है अब बो उसी जंगल में पहुंच जाता है और चारो तरफ देखने लगता है और इंतजार करने लगता है और उसके मन में बहुत बह था की कोई सच में चुडैल नही रहती है और बो फिर बो देखते रहता उसे अब बहुत ज्यादा डर लग रहा था क्युकी उस बीरान जंगल में बो अकेला ही है और कोई उसके साथ नही है इस लिए फिर उसे लगता है यहां कोई नही रहता है फिर घर के लिए चलने लगता है तभी एक आवाज़ आती है सुनो मेरी मदद कर दो और जैसे ही मैं पीछे मुड़ता हु तो एक बहुत ही सुंदर लड़की उसे बुला रही है बो इतनी रात में पानी भर रही है उसे कुछ समझ में नही आता है और उसके पसीने छूट जाते है और बो उसके पास जाता है और बोलता इतनी रात में टीम यह क्या कर रही हो तुम डर नही लगता है क्या तुम्हारा नाम क्या फिर बो बताती मेरा नाम दिव्या है और मैं इसी जंगल में रहती हु मेरे मम्मी पापा बहुत पहले गुजर गए थे और तुम्हारा नाम क्या है फिर अनुज फिर बो बोलती है तुम यहां इतनी रात को क्या करने आया और बो अनुज बोलता कुछ नही इसे ही घूमने आया था और वापस जा ही रहा था तभी तुम देख गई फिर दिव्या बोलती मेरी मदद करो गई अनुज बोलता बताओ क्या मदद करनी है फिर बो बोलती ये पानी की बाल्टी में झोपड़ी तक पहुंचा दो फिर अमित बाल्टी को जैसे ही लेने के लिए झुकता है  वैसे ही एक तेज हवा का झोका आता है और उसके पैसे से साड़ी हट जाती है दिव्या के पैर उल्टे थे और फिर अनुज समाज जाता है ये चुडैल ही है जो कुछ करने के लिए मुझे अपनी झोपड़ी में बुला रही है फिर बो बोलता मुझे अब घर जाना चाहिए अब मैं तुमसे कल मिलेंगे फिर बहा से तुरंत भागने लगा और अपने घर पहुंच जाता है और अपने दोस्तो को सारी बात बताता है फिर सब दिन में देखते तो बहा कोई भी झोपड़ी नही है ये देख कर अनुज बहुत डर जाता है और बो समझ जाता है अगर मैं उस की झोपड़ी में चला जाता तो शायद आज जिंदा नही होता यही पर कहानी खत्म करते है

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श्राभित महल

श्राभित महल

अमन की सादी अभी अभी अभी हुई उसकी पत्नी बहुत ही सुंदर है उसकी पत्नी का नाम राधा है और सब लोग उसे बहुत ही पसंद कर रहे हैं क्यू की जो उसे एक बार देखता बो देखता ही रह जाता है उसे न देखने का मन नही करता है तभी अमन की दादी बोलती बहु तुम तो बहुत सुंदर हो जैसा तुम्हारा नाम है राधा वैसे ही राधा लग रही हो तुम्हारी जितनी तारीफ की जाए उतनी कम हो गई सब लोग बहुत खुस है तभी गेट की बैल बजती है और पोस्टमैन आता है चिट्ठी लेकर फिर अमन चिट्ठी को खुलता है और सब को बताता है जो अभी इंटरव्यू  दे कर आया  बही मुझे जॉब लग गई है और मेरी सैलरी 70 हजार पर मंथ है ये सुन कर सब और भी खुस हो जाते है और अमन भी खुस हो जाता है फिर सब लोग चले जाते है और अमन राधा के पास आता है और बोलता तुम मेरे लिए बहुत लकी हो तुमरे आते ही मेरी जॉब लग गई है अब मैं कल ही चला जाएगा और जब जॉन कर लेगे फिर ये बात सुनकर राधा उदास हो जाती है फिर अमन बोलता है चिंता मत करो मैं तुम अपने साथ लेके जाऊंगा और तुम अपना बैग पैक कर लेना मैं बात कर लेगे घर पर फिर बो अगले दिन घर से जाओ बाली जगह पर आ जाते है और एक रूम ले लेते है और रूम बहुत ही अच्छा था अमन संत और अच्छा सुभाह का लड़का था उसे पढ़ने से ही ज्यादा मतलब रहता था अब बो अपनी पत्नी का भी पूरा खयाल रखता था रूम से कुछ ही दूरी पर एक गार्डन है आज राधा का बहुत मन है घूमने के लिए फिर राधा अमन से बोलती है की चलो आज हम लोग बाहर खाने चलते है फिर अमन बोलता ठीक है तुम तैयार बो जाओ मैं गाड़ी बुला लेता हु फिर राधा बोलती लहलते हुए चलेंगे गाड़ी से नही चलना है फिर बो लोग पैदल ही चले जाते है खाना खाते है और गार्डन में घूमते है फिर टाइम काफी हो जाता है और अमन बोलता चली अब घर चलते है गार्डन से कुछ ही दूरी पर उनका रूम था बो टहल कर अपने मकान के पास आ जाते है तभी राधा की नजर सामने वाले मकान पर पढ़ती है और बो देखती रह जाती है फिर अमन राधा से बोलता है चलो अंदर नही चलना है क्या फिर राधा बोलती है देखो ये मकान कुछ अजीब नही लग रहा है बो मकान बहुत ही डरावना लग रहा था जैसे उसके अंदर कोई चीख रहा है फिर बो दोनो अंदर जाते है सोने के लिए अमन बोलता सो जाओ कल ऑफिस भी जाना है फिर अमन सो जाता है लेकिन राधा को बही मकान की फोटो उसके आंखों के सामने आ रही थी तभी राधा अमन से बोलता है मुझे नीद नही आ रही है फिर अमन उसे पकड़ लेता है फिर राधा सो जाती है कुछ देर में फिर रात में राधा को प्यास लगी है बो पानी लेने के लिए फ्रिज के पास जाती और पानी लेती है बो नीद में भी थी तभी कोई खिड़की से सफेद वस्त्र में दिखता है ये देख कर राधा बहुत डर जाती है और पसीने छूट जाते हैं लेकिन राधा खड़ी रहती है चिलाती है लेकिन आबाज नही निकल रही है जैसे किसी ने उसे पकड़ लिया हो फिर कुछ देर में अमन उढ़ता है बो बाहर देखता तो राधा पसीने में लथपथ है ये देख कर बोलता तुम ठीक हो या तबियत ठीक नही है फिर बो सारी बात अमन को बताती लेकिन उसकी बातो पर कोई ध्यान नही देता है और बो उसे लेजाकर लेट जाता है सुबह हो जाती है अमन तैयार होता है और उठ जाता है तभी राधा उठती खाना बना देती और बैग में भी रख देती है अमन चला जाता है राधा अकेली रह जाती फिर सारा काम करके अपना फोन चलने लगती है तभी मकान मालिक की बेटी मनु आती है और बोलती भाभी आपको अच्छा लग रहा है  फिर राधा बोलती है हमे अच्छा लग रहा है और फिर राधा मैगी बना कर मनु को देती है और मनु बोलती मुझे मैगी बहुत पसंद है फिर राधा बोलती मुझे भी फिर राधा मनु से पूछती है मनु सामने वाले मकान में कोई रहता नही है ये सुन कर मनु दंग रह जाती है बो बोलती नही और बोलती भाभी मुझे काम करना है मैं घर जा रही हु और चली जाती है फिर राधा मालकिन के पास जाती है और पूछती है पहले तो मालकिन बताती भी है फिर  बो बताने लगी बहुत बोले एक घटना घटी थी ये घटना मेरे सामने की ही है और ये मकान बहुत ही अच्छा लगता था और बहुत बड़ा महल था इसमें बहुत लोग रहते थे बो परिवार बहुत बड़ा था और उसमे बहुत जोड़े भी थे एक जोड़ा ऐसा था जिसमे आपस में बनती नही थी राधा बहुत ही ध्यान से सुन रही थी फिर बो बताती है एक दिन बो लोगो न बहुत ज्यादा जगड़ा हो गाय और बो दोनो ने आत्महत्या कर ली फिर धीरे धीरे उस मकान के सारे जोडे मर गए और ये महल बीरान सा पढ़ा है इसमें अब कोई भी नही रहता है अक्सर उन लोगो की आत्मा यह पर घूमती रहती है फिर राधा घर वापस आती है और उसी महल में जाने का फैसला लेती है और उसके अंदर जा रही थी तभी सब बोलते है बहा मत जाओ बहा  आत्मा रहती है मर जाओगी लेकीन राधा चली जाती है और अंदर देखती तो कुछ और ही पता चलता है मकान बहुत भयानक तो लग ही रहा था तभी उसे एक किताब दिखाई देती है बो उसे पड़ती है और उस में लिखा था उन लोगो ने हत्या नही की उन्हें मरा गया है और उनकी लास को इसी के अंदर रखा रहा कोई इस महल पर कब्जा करना चाह रहा था इसलिए उसने एक एक करके सबको मार डाला और बाहर बोल दिया की बो जोड़ा सबको मार रह है और लास को भी मालूम नही चलता है ये लिखें बाली उस घर की बेटी होती है उसका नाम पिंकी था उस किताब में पिंकी नाम लिख रखा थे फिर राधा बाहर आती है और सबको इस श्रभित महल के बारे बताती है यह बात सुनकर सब लोग बहुत खुस हो जाते है और ताली बजाते है फिर सब लोग मिलकर अंदर जाते है और महल में अच्छी तरह से छानबीन करते है तो उन्हे मालूम चलता है की एक बक्से के लास अभी भी है और सारे लोग मिल कर लास का अंतिम संस्कार करते हैं और आत्मा को मुक्ति मिल जाती है लेकिन उस घर में 11 लोग रहते थे और लास खाली 10 लोगो की मिली है अब एक कहा गया है फिर बाद में  मालूम चलता है जो बो एक थी बो राधा ही थी क्योंकि राधा को उसके दादा ने बाहर किसी के घर भेज दिया था और बताया था किसी बो बताया न जाए और अब सब बहुत खुस हो जाते है और अब किसी को आत्मा भी दिखाई नही देती है  और कुछ तांत्रिक को लेकर मकान को पवित्र कर बाते है   अब राधा के पास बहुत बड़ा मकान या महल है अब राधा के ससुराल वाले भी उसके साथ उसी महल में रहने लगते है अब कहानी खत्म होती है

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भूतिया हवेली

भूतिया हवेली

ये कहानी बहुत पुरानी है और इस कहानी को बहुत समय हो चुका था ये कहानी मेरे दादा जी ने बताई थी और जब मैं अपने पढ़ाई पूरी करके अपने गांव आया था और गांव के कुछ लोग भी बैठे थे फिर हम सभी लोगो ने पूछा कुछ इस बताओ जो हम लोगो को मालूम जो और रहस्य रहा हो फिर मेरे  दादा जी बताते है बहुत पहले अंग्रेजो का राज होता था तभी ही गांव  के पास में एक गांव है खिमसेपुर उस गांव में राजा का घर था और राजा बहा रहते थे फिर कुछ दिनो में राजा अपने आप बहा से वापस चले जाते है अब बो हवेली बीरान पढ़ी एक बात याद रखना रूहानी सक्तिया हमेशा हमारे आस पास घूमती रहती है लेकिन मालूम नही चलता है कभी कभी बो हमे नुकसान भी पहुंचा सकती है फिर कुछ दिनो में राजा के नाती की लड़की यह वापस आई और उसके पति की मौत हो चुकी है और बो एक कार एक्सीडेंट में मार गए तो राजा के नाती ने उन्हें खिमसेपूर भेज दिया ताकी बो उस हवेली में रहे और बहा की खेती को देखभाल करे फिर बो नैना हवेली आ जाती है और उसका एक छोटा बेटा है बो उसे भी अपने साथ लेके आई है उस हवेली में कोई रहता तो नही था इसलिए गांव में एक रूम ले लिया और रहने लगी फिर कुछ नौकर लगाकर बहा की सफाई कराने लगी अब हवेली पूरी साफ हो चुकी थी  बो हवेली बहुत ही बड़ी थी इसलिए उसने अपने रहने के साथ साथ एक दो नौकर चाकर भी रख लिए बो आज ही रात में आई थी फिर बो खाना खा कर अपने रूम में सो जाती है हवेली से बहुत ही अजीब आबाज आती है और ये सुन कर नैना की नीद खुल जाती है बो रात को उधकर देखती तो बहुत तेज से हवेली के पास में एक बरगद का पेड़ था जो बहुत तेज से हिल रहा था फिर एक दम से हिलना बंद हो जाता है मुझे लग रहा था की कोई नही हवा चल रही है लेकिन फिर कुछ देर में मैं अपने रूम में लेट जाती ही और सोने के लिए तभी खिड़की से अजीब आबाज आती है आ गई हो नैना मैं तुम्हारा बहुत सालो से इंतजार कर रहा था और खिड़की पर नाखून की घिसने की आबाज आती है अब नैना बहुत डरने लगती है और फिर चलने की आभा आती है तो मैं खिड़की से देखता एक आदमी एक औरत के पीछे जा रहा है और बोल रहा है मैं  तुम्हारे बगैर नही रह सकते है फिर बो बरगद के पेड़ पर लटक जा है और औरत बरगद के पेड़ के पास एक कुआ है उस में गिर जाती है फिर बो पूरी रात सोती भी है और सुबह होते ही उठती है और फिर नौकर खाना बनाने के लिए कुछ जाते है और मैं टीबी देख रही थी तभी  कुछ और भी मजबूर आ जाते जो हवेली में बहुत काम करना था उसे बताने के लिए बो दोनो उन्हें ऊपर लेके जाते तो औरत अपने आप नीचे गिर जाती है और उसकी मौत हो जाती है बाहर से बहुत आबाज आ रही थी तभी मैं बाहर जाती तो भीड़ लगी होती है और मोहन रो रहा होता है फिर मैं पूछती क्या हुआ फिर सब बताते है की ये गिर गई कोई बोलता नही इसे इसी हवेली की आत्मा ने गिराया है तभी ये मार गई है फिर मेरे कानो में अजीब आबाज आती है मैने मारा है और अब तेरे बेटे के बारी है बचा सकती तो बचा कर दिखा फिर मैं अपने रूम में जाती हु बही मेरा बेटा खिड़की से खुदने जा रहा था तभी मैंने उसका पैर पकड़ लिया और उसे ऊपर खींच लिया और फिर मैं बहा जाती हु तो बो औरत की सांसे चलने लगती है ये देख कर दंग रह जाते है और मोहन की पत्नी को हॉस्पिटल में भर्ती कर बाते हैं अब बो ठीक हो गई है मैं गई के लोगो से पूछती तो बो बताते ये सारी बातों का रहस्य हेबेली की किताब में हो गा जो अभी मुखिया के बेटे के पास है फिर मैं बो किताब मुखिया के बेटे से ले लेती हू और उसे पढ़ने लगती हु तभी मालूम चलता है की राजा के टाइम पर सोहन और उसकी पत्नी मोनिका उसके घर काम करने के लिए आते थे तभी हवेली में मरम्मत का काम चल रहा था तभी रानी के कमरे से कुछ गहना गायब हो जाते है और ये आरोप मोनिका पर लगा दिया जाता है और मनिका बहुत बोलती की मैने कोई चोरी नही की है लेकिन चोरी काम करने वाले मजदूर ने की थी और सजा मोनिका को दी जाती है मोनिका को कुआ में जिंदा फेक दिया जाता हैं और बो मार जाती है ये सोहन बरदास नही कर पाता  है और बो  बरगद  पेड़ से फांसी लगा लेता है और मार जाता है तभी कुछ दिनो बाद राजा और रानी भी मर जाते है और राजा के बेटे बहा से बाहर चले जाते है फिर ये सब नैना पड़ कर वापस के लिए जाने लगती है तभी  रास्ते में उसकी गाड़ी खराब हो जाती है और रात के नो बज गए थे फिर बो मदद के लिए एक गाड़ी रुकबाती है और बो गाड़ी बाला पुलिस बाला था तभी गाड़ी के आगे एक बूढ़ा आदमी आ कर घिर जाता है और फिर पुलिस बाला उस बूढ़े आदमी को उठा कर गाड़ी के पीछे बिठा लेता है और फिर कुछ देर में आदमी पुलिस वाले की गर्दन पकड़ लेता और फिर पुलिस बाला बहुत कोशिश करता है लेकिन आदमी नही छोड़ता है फिर गाड़ी रुक जाती है पुलिस बाला अपने गन से उसे मारता लेकिन उसका कुछ नही होता है और फिर नैना बाहर निकल आती है अपने बेटे के साथ और पुलिस बाला भी आ जाता है और फिर  बो तीनों भागते भागते बस स्टैड पर पहुंच जाते है और नैना सारी बात पुलिस वाले को बता देती है और उसे बहुत थैंक्यू बोलती और बहा से चली जाती है आज नैना की जान पुलिस वाले की वजह से बची थी अब भूतिया हवेली की कहानी यही पर खत्म होती है और दादा जी बोलते सो जाओ बहुत टाइम हो गया है सब लोगो को डर लग रहा था फिर दादा जी बोलते ये बो मैने इसे ही बना दी कुछ भी नही होता है ये सब कहाबते है और कुछ नही फिर सब सो जाते है कहानी खत्म हो गई

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भली आत्मा की रूह 

भली आत्मा की रूह

मेरा नाम अमित है मैं काम करने के लिए ऑफिस जाया करता हु मेरी काम करने की जगह मेरे रूम से 5 किलो मीटर दूरी पर है और मैं पैदल ही जाता हु क्युकी टहल कर जाने से मेरी फिटनेस भी हो जाती है और अब मेरी नाइट शिफ्ट हो गई है पहली बार मेरी नाइट शिफ्ट हुई मैं अपने घर से बाइक निकल ही रहा था तभी मेरे पिता जी आ गए और बोले बेटा बाइक क्यू लेके जा रहे हो फिर मैने बोला पापा मेरी नाइट शिफ्ट हो गई है और मैं रात को क्या अकेले पैदल आऊंगा फिर उसके पापा बोलते क्या तुम्हे मालूम नही तुम्हारी बुआ की सास खत्म हो गई है मुझे भी बही जाना है और अगर टाइम पर बहा न पहुंचा तो बो लोग क्या सोचे गए तुम आज ऑटो से चले आना फिर अमित अपनी ऑफिस पहुंच जाता है और अपना सारा काम करता है और फिर बो 10 बज उसे छोड़ दिया जाता है बो भी रात के अमितंको बिलकुल भी डर नही लग रहा था क्यूंकि बही से रोज जाता था इस टाइम गर्मी का मौसम है और बहुत ही भयानक गर्मी हो रही है  अमित पसीने से लथपथ है और लगातार चल रहा है क्योंकि उसे अपने घर तब पहुंचने ने एक घंटा तो लग ही जाएगा अब अमित पेड़ो को देखता है ऐसा लग रहा था जैसे पेड़ खाने के लिए माग रहे है फिर अमित हिम्मत लाता है और तेजी से चलने लगता है फिर उसके माथे पर बार बार पसीना आ रहा था जैसे बो पसीना बो पोछता वैसे ही पसीना फिर से आ जाता था अब हल्की हवा  चलने लगती है और अमित को बहुत अच्छा लगता है पसीना के कारण हवा बहुत ठंडी लग रही थी फिर चलता रहता है और फिर कही पर अंदर आ रहा है मालूम भी नही चलता पैर कहा  पढ़ रहा है और कभी  खम्बो पर लगी लाइट बहुत तेज पड़ती है  बहा पर घूमती चिटी को भी देख सकते हो और फिर बो चलता है इस टाइम लगभग 11 बज गए थे और कोई भी वाहन अभी तक नही निकला था इस लग रहा था जैसे इस सड़क पर कोई वाहन कभी भी चलते ही नही है यही अगर दिन में कोई उस सड़क पर जाए तो सड़क को क्रॉस करने के लिए 20 मिनट लग जाएंगे अब पूरी सड़क खाली है अब हल्की हवा के कारण अमित का मन गाने को होता है फिर अमित सोचता है कोई पागल ही होगा जो इतने अच्छी रात को गा न पाए फिर बो अपने हल्की आवाज में गाना गाने लगता है और फिर बो कभी तेज गाता तो कभी धीमे धीमे गाने लगता है फिर उसे कुछ दूरी पर एक औरत खड़ी नजर आती है मैं अपने मन में सोचता हु इतनी रात को ये औरत क्या कर रही है फिर मैं सोचता हो सकता आने बाली ट्रेन से आई हो गई और अब इसे कोई लेने आया हो गा या फिर कही जा रही हो गई फिर मैं उसके पास पहुंचने बाला ही होता हु उसने एक बैग अपने हाथ में और एक बड़ा बैग नीचे ले रखा है इस लग रहा था जैसे कही दूर से आई है और अब बहुत दिनो के लिए यही पर रहेगी फिर बो उस औरत की ओर देखता है तो बो औरत बिलकुल भी नही डरती है और फिर बो मुझे लगातार नजर मिला लेती है ये देख कर मैं ही अपना नजर गुमा लेता हु और उसे क्रॉस कर लेता हु मै अपने मन में सोच रहा था की ये औरत मुझे डरी क्यू नही कोई और होती और बो बहुत डर जाती बो भी रात के समय और उसके चहरे पर कोई भी डर का भाव नही दिख रहा था ऊपर से बो मुझे नजर और मिलाने लगी फिर मैं दूसरे सड़क पर पहुंच जाता और देखता तो बो औरत अभी भी बही खड़ी है अब मेरा घर 1 किलोमीटर की दूरी पढ़ है और फिर मैं चल हो रहा होता हु तभी कुछ दूरी बार बही औरत फिर से मुझे दिखाई देतीहै अब बो मेरे आगे  है और मैं ये देख कर बहुत ही डर जाता हु की ये मुझे पीछे थी तो आगे कैसे आ गई और अब भी बो मुझे घोर रही है फिर मैं बहा से तेज भागता हु मै समझ ही जाता हु की कुछ तो  है और ये तो चुडैल है फिर मैं अपने घर पहुंच जाता हु और अपने घर के बाहर खड़े होकर सास लेने लगता हु और फिर अंदर जाता हु फिर खाना खाता और सो जाता हु फिर दूसरे दिन ऑफिस पहुंच जाता हूं मैं ये सारी बात अपने गार्डमैन को बताता हु बो काफी उम्र के है फिर बो बताते है तुम जंगल और ट्रेन वाले रास्ते से गए थे मैं बोलता हु जी काका फिर बो बोलते बहुत समय पहले एक औरत ट्रेन से मार गई थी or अब उसकी आत्मा बही रात को घूमती रहती है और बहुत लोगो को बो आत्मा दिखाई दे चुकी है लेकिन किसी अच्छी औरत की आत्मा है जो कुछ करती नही है बो किसी बली औरत ही रूह है जो किसी को नुकसान नही पहुंचती है और फिर काका हसने लगते है और फिर बो अमित हमेशा के लिए अपना रास्ता  बदल देता है और दूसरे रास्ते से आता है उस सड़क से बहुत लोगो को मार दिया है लेकिन बो औरत बहुत ही अच्छी है

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बच्चे खोने की वजह से एक  डरावनी कहानी

बच्चे खोने की वजह से एक  डरावनी कहानी

बदनपुर एक गांव था जो बहुत ही अच्छा था और उस गांव में नितिन और उसकी माता और उसकी बहन  रोनी रहती थी  नितिन की  मां का नाम सोनाली था  अब नितिन बड़ा हो गया है और बो पैसे भी कमाने लगा है और सोनाली नितिन की सादी करने का सोच रहा है एक दिन सादी वाले उसके घर आते है फिर उसकी सादी हो जाती है और फिर सोनाली नितिन की पत्नी से बहुत ही अजीब रस्म कराते है फिर सलोनी एक तांत्रिक के कहने से अनु को शमसान घर भेजती है और फिर अनु एक पोटली को लेके शमशान घाट जाती है रात बहुत ज्यादा हो चुकी थी चारो तरफ सनाटा था और जंगल के बीच से होकर जा रही थी ऊपर से पेड़ के सूखे पत्ते बहुत ही ज्यादा आवाज कर रहे थे जंगल के बीच कोई भी कही भी दिख नही रहा था अनु  रस्म के कारण चली जाती है बहुत ही ज्यादा उसे डर लग रहा होता है न अनु शमशान के गेट पर पहुंच जाती है अनु के हाथ में एक छोटी पोठरी होती है और अनु अब अंदर चली जाती है और फिर एक कब्र के पास थोड़ी सी मिट्टी हटाती है और और पोठारी बहुत दवा देती है फिर बहा से बहुत तेज भाग आती है इस लग रहा था जैसे कोई जादुई सक्ति आ गई हो  डर बहुत ही अजीब होता है किसी को भी कितने तेज चला सकता है  अनु के आते ही उसके पीछे एक लाल जोड़ा पहने एक हाथ में लालटीन लिए  उसी शमशान घाट में जाती है और उसी कब्र के पास जाकर बो मिट्टी हटाती है और उसमे पोठरी में आग  लगा देती है  फिर अनु अपने घर पहुंच कर अपने रूम में जाती और लेट जाती है और तभी नितिन बोलता है की अनु तुम आ गई हो फिर अनु बोलती हा आ गई हु लेकिन ये इतने अजीब रस्म तुमरे घर पर ही होते है हमने तो कही अभी नही सुना और अब हम कोई भी इस तरह के रस्म नही करेगे फिर अनु लेट जाती है और चादर ओढ़ लेती है अनु गुस्से में थी तभी नितिन बोलता अरे क्या करे मम्मी के आगे पापा कुछ नही बोलते तो  बो मेरी कैसे सुने गई फिर सुबह होती सब लोग खुस होते है अब अनु भी खुस होती है और अनु के बच्चा होने बाला होता है तभी उसे दर्द होने लगता है और बो रोने लगती है फिर नितिन भाग कर अपनी मम्मी के पास जाता है और फिर बो बोलता मम्मी अनु के दर्द हो रहा है और चलो हॉस्पिटल लेके चलते है फिर नितिन की मां बोलती रुको फिर एक दाई आती है और कमरे मे जाति है बो दोनो बाहर इंतजार करने लगते है फिर कुछ देर में बच्चे के रोने की आवाज़ आई और फिर दाई बाहर निकाल आती बोलती है बेटी हुई है ये सुनकर नितिन बहुत खुस होता है बो अंदर चला जाता है तभी सोनाली रोनी से बोलती बो पोथरी 9 बार घुमाई तो थी फिर रोनी बोलती हा मां लेकिन ये बेटी कैसे हुई और फिर बो उतने टाइम ही जाने के लिए  तांत्रिक के  पास जाते है और तभी जंगल से जा रहे थे रात अदेरी थी और इस लग रहा था जैसे कोई उसके पीछे चल रहा है फिर बो दोनो पीछे मुड़ जाती है कुछ दूरी पर एक लाल कपड़ा में हाथ में लालटिन लिए बो ही औरत आ जाती है बो बोल आगे चलने लगते है तभी फिर बो एक दम से आगे खड़े हो जाते है फिर सोनाली बोलती ये लड़की कोन है तू मेरे रास्ते में क्यों आ रही है हट जा रास्ते से तभी बो औरत अपना फेस दिखाती है और बो बहुत ही  भयानक लग रही थी क्युकी बो चुडैल थी ये देख कर बो दोनो  बहा से भाग जाती है और अपने घर पहुंच जाती है बहुत तेज सास ले रही होती है फिर सोनाली दूसरा पिलान उस बच्ची को मरने के लिए बनती है एक दिन अनु और नितिन खाना खा रहे होते है तभी सोनाली पहुंच चाटी है और बोलती चलो हम लोग गांव चलते है अनु अब तू तो मां बन गई है बहा कुल देवी का मंदिर है और तू पूजा भी कर लेना फिर सब जाने लगते है रास्ते में एक डावा पड़ता है और तभी सोनाली रोकने के लिए बोलती है सब बही पर खाना खाते है अब अनु और नितिन भी खाना खा रहे होते है तभी रोनी बोलती भाभी लाओ सोनी को मुझे देदो मैं ले लेती हू फिर अनु दे देती है फिर रोनी लेके धीरे से जंगल में जाकर उसे छोड़ देती है तभी डावा पर आने के लिए बोलती तो उसके पीछे बही लालटीन बाली औरत होती है फिर बो रोनी को मार देती है और फिर तभी चीखने की आबाज आती है और सब बही भाग कर जाते है तो रोनी की गर्दन कटी पड़ी थी और जमीन पर सोनी लेती है फिर अनु सोनी को उठा लेता है सब रो रहे होते हैं फिर रोनी का अंतिम संस्कार किया जाता है और फिर सब गांव के हवेली में पहुंच जाते है  और एक रात अनु और नितिन सो रहे होते है तभी सोनाली धीरे से उसकी बेटी को पालने से  ले आती है और आस के जंगल में एक तालाब में फेक देती है और सोनी पानी में चली जाती है और फिर दो लंबे हाथो ने सोनी को पानी से बाहर निकल लेते है फिर सोनाली देख ही रही होती है तभी  लालटीन बाली औरत आ जाती है ये देख कर सोनाली भागने लगती है तभी चुडैल सोनाली के बाल पकड़ लेती है और उसका सर उसके शरीर से अलग के देती है फिर सोनाली के चीखने के आवाज सुन कर अनु और नितिन बही जाते है तभी अनु घुटने के भर आते ही बोलती है तुमने मेरी सास को मार दिया और मेरी बेटी को वापस के दो और अनु रोने लगती है तभी चुडैल बोलती मैं इसे मरने नही बचाने आई हु उस दिन भी बचाया था तब इसकी बुआ इसे जंगल में लेके मरने के लिए छोड़ दिया था आन इसकी दादी से बचाया है और ये अनु और नितिन  अब खुस हो जाते है और नितिन अपनी मां का अंतिम संस्कार करता है फिर अपने घर वापस लोट जाता है अब बो दोनो खुसी से रहने लगे कहानी अच्छी लगे तो कमेंट करे शेयर करें

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सर को काटने आत्मा 

सर को काटने आत्मा

एक गांव में एक सुरेश नाम का आदमी था और बो  छोटे सोच का आदमी था बो लोगो की बातो पर ज्यादा ध्यान देता था फिर एक उसकी बेटी थी और उसकी बेटी का नाम अनु था और अनु को डांस का बहुत शौक था बो  लोग अनु से बहुत बोलते थे की अनु डांस को छोड़ दो और  अनु की मम्मी उससे बोली की तुम डांस छोड़ दो और बोले मेरी नाक मत करवाओ फिर एक दिन अनु के माता पिता ने उसे घर से बाहर निकल दिया और अनु बाहर निकल आई अब अनु सड़क पर अकेली ही है और कोई भी नही अनु ने एक लड़का देखा जो उसके पीछे आ रहा था फिर अनु भागती है फिर बो लड़का बोलता भागो मत मैं तुम्हे कुछ नहीं  करूंगा फिर बो रुक जाती है और फिर उन दोनो में सलाह हो जाती है और फिर बो दोनो आराम से बैठे थे और बो बोल रहे थे की तुम क्या करते थे तभी सोनू बोलता था की  मैं एक डांसर हु और फिर अनु बोलती है की मैं भी एक डांसर हु फिर बो दोनो डांस करने लगते है फिर अनु की माता पिता को पता चलता है की अनु एक लड़के के साथ रह रही है फिर बो ये सब अच्छा नही लगता है फिर उसके माता पिता अनु को मरवाने के लिए  गुण्डो को भेज देती है फिर अनु रात को उस लड़के के साथ डांस कर रही होती है तभी गुंडे बहा आ जाते है और पेड़ के पीछे से देखते है फिर बो सोनू  की गर्दन काट देता है और सोनू मार जाता है फिर ये सब अनु   सहन नहीं कर पाता है फिर बो भी मार जाती है अब बो रात को जो भी निकलता है फिर उसकी गर्दन काट देती है फिर गांव में सब लोग बहुत परेशान हो गए थे और अब बो बहुत ही भयानक आत्मा बन चुकी थी और अब भी आत्मा घूम रहे है

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दिल खाने बाली चुडैल

दिल खाने बाली चुडैल

जयतपुर  एक गांव था उसमे एक चुडैल रहती थी बो लोगो के दिल निकल कर खा लेती थी और रात के समय कोई  अकेला बाहर मिल जाए तो उसमे मार कर उसका दिल निकल लेती थी ये कहानी 1975 की है और  दीपक और उसकी पत्नी मोनिका के साथ अपने घर वापस आ रहा था तभी रास्ते में उसका एक्सीडेंट हो गया और दीपक के काफी ज्यादा चोट लग गई थी और बो होस में भी नही था फिर मोनिका ने उसे एक हॉस्पिटल में भर्ती कराया और उसका इलाज करवाया लेकिन दीपक बचा नही सकी क्योंकि डॉक्टर ने उसके पति का दिल निकल कर बेच दिया था और फिर दीपक मार गया और फिर इंसाफ पाने के लिए बो कोट तक गई लेकिन सबूत न होने के कारण उसे इंसाफ नहीं मिला फिर बो घर आकर फासी लगा कर मार जाती है क्युकी अब उसके पास कोई भी नही था और एक चुडैल बन जाती है फिर बो उसी रास्ते पर रहने लगती है और हॉस्पिटल के दो डॉक्टर की जान ले ली और उनका दिल निकल लिया और दिल को खा लेती थी  अब उसका गुस्सा कुछ ज्यादा ही होने लगा था अब बो रास्ते के आने वाले लोगो को भी खा लेती थी  पास के गांव के खेत पर कोई भी अगर रात में अकेला मिल जाए तो उसे मार देती थी अब बो चुडैल गांव में भी घूमने लगी एक दिन राम मोहन काका अपने खेत में अकेले रात को गय तो उन्हे घुंगरू की आवाज़ आई और बो देखने लगे लेकिन उन्हें कोई दिखाई नही दिया और फिर कुछ देरी में एक औरत अपना फेस को ढक कर उनके तरफ आई और बोली और कैसे हो काका ये सुन कर बो बहुत ही दंग रह गए उसका फेस बहुत ही भयानक लग रहा था और उसका पैर उल्टे थे बो जैसे ही काका को खाने के लिए  जाती है वैसे ही काका ने तेज धक्का मरा और काका बहा से भाग आए काका जैसे ही घर पर आए बो बहुत  ज्यादा डर रहे थे फिर बो सारी बात काकी को बताते है तब काकी बोलती हमने पहले ही बोला था की सड़क पर रात को या खेतो की तरफ मत जाया करो चुडैल घूमती करती है है फिर काकी बोलती हाथ पैर धूल लो और तभी अंदर आना फिर जैसे काका हाथ पैर धुलने के लिए पीछे मुड़ते है वैसे ही चुडैल उनका पैर पकड़ कर उन्हे खीच कर खेतो की तरफ ले जाती है तभी काकी चिलाती है गांव के लोग सारे आ जाती है फिर सारी बात काकी बता देती है फिर गांव के लोग जल्दी से खेतो की तरफ भाग कर पहुंचते है चुडैल काका का दिल निकलने बाली होती है तभी गांव के लोग चिल्लाने लगती रुको फिर बो रुक जाती है बोलती मैं तुम्हे सब को मार देगे फिर गांव के लोग उसे आग लगा देते है और बो चुडैल जल जाती जलती समय बो बोलती है मैं तुम्हे सब को मार देगे और कच्चा खा लेंगे लेकिन कोई ध्यान नही देता हैं फिर सब लोग घर वापस आ जाते है  अब कोई भी डर नही था  सब लोग बहुत ही आराम से रहते थे तभी जमींदार के बेटे का  विवाह उसके गांव के एक लड़की के साथ हुआ था बो लड़की बहुत पहले जमींदार को नदी के किनारे मिली थी उसे जमीदार ने एक घर में पालने के लिए दे दिया था  और उसका खर्चा भी देते थे टाइम से उस घर में पहुंचा देते थे और जमींदार उस लड़की को इसलिए लाए थे जैसे किसी को लड़की पसंद नही होती है और फिर उसकी सादी अपने ही बेटे से करवा रहे थे ये बात किसी और को नही मालूम थी जमींदार और श्याम लाल जनता था और कोई भी नही  उस लड़की को हमेशा के लिए अपने घर में लेके आना चाहते थे उस गांव में सादी से पहले दुल्हन को बरगद के सात चक्कर लगाने होते थे और बरगद की पूजा करनी होती है फिर सीमा जमींदार के हिसाब से लाल जोड़े में पूजा के लिए जाती है और उसके साथ गांव के लोग भी जाते है बो अब बरगद की पूजा कर रही होती है  तभी अचानक से बरगद की लताएं बहुत तेजी से घूमती है और फिर बो अपनी पूजा करती रहती है तभी गांव की एक औरत अपने बाल खोल कर हवा में चारो ओर अपना सर घूमती है ये देख कर मुझे डर लगता है मैं अपने पिता के पास पहुंच जाता हु और उन्हें पकड़ लेता हु फिर हम पूछते ये क्या है पिता जी फिर मेरे पापा बताते है की ये पूजा ही है तभी सब कुछ ठीक रहे फिर पूरा खत्म हो जाती है अब बो औरत भी शांत है और  रीमा बरगद का आशीर्वाद लेती है फिर बहा खड़े सभी बड़े लोगो का भी आशीर्वाद लेती है फिर उसकी सादी बड़ी ही धूम धाम से कराई जाती है सादी होने के बाद सब लोग घर पर वापस आ जाते है और बाते करते है सब लोग खुस थे अब सब लोग सोने जाते है सोहन भी होने के लिए जाता है सोहन और रीमा दोनो सो जाते है रात को सोहन रीमा के ऊपर हाथ रखता तो रीमा नही होती है  फिर उसे रोने की आबाज आती है गांव के लोग बोलते अगर रात को किसी के घर रोने की आवाज़ आए तो समझ लेना कुछ बहुत बुरा होने बाला है उसके घर फिर बो बाहर जाता है बाहर रीमा अपने पैरो में सर रख कर सो रही होती है तब सोहन बोलता रीमा अंदर चलो देखो रोने की आवाज़ आ रही और बो बाहर आता तो दंग रह जाता है उसके पिता मारे पड़े थे और उनके गले से खून निकल रहा था तभी रीमा अपना फेस ऊपर करती उसकी तेज लाल आंखे और भयानक डरावना चहरा देख कर बहुत ज्यादा डर जाता है और फिर रीमा बोलती डरो मत मैं तुम कुछ नही करोगे तुम मेरे लिए रोज एक आदमी लेट रहना नही तो मैं तुम्हें खा जाऊंगी तुझे बहुत खून पीना है फिर सोहन डर की वजह से मन जाता है अब सोहन रात हो लाल कपड़ा पहन कर अपना फेस छुपा कर रोज उसे एक आदमी बता देता बो उसे मार देती और फिर उसका दिल निकल कर खा लेती थी ये बात गांव में बहुत तेजी से फैल गई और गांव में रोज कोई न कोई मरा मिलता था फिर साम के होते ही गांव के लोग ताला लगा लेते थे और कोई रात को बाहर नही निकलता था  फिर एक दिन एक आदमी बाहर खड़ा होकर अपने घर की रखवाली कर रहा था तभी सोहन रात को बाहर आता और अपने घर लोट जाता था फिर उस आदमी ने  उसका पीछा किया तो बो सोहन के घर में अंदर घुसते हुए देखा फिर गांव के सारे लोगो को ये बात बताई गांव के सारे लोग रात को उसका दरवाजा खुल बाया और बोला तेरे घर में चुडैल है बाहर निकल फिर चुडैल लोगो की आवाज से बहुत तंग हो रही थी तभी बो बाहर आई उसकी बहुत लाल आंखे बाल बिखरे हुए थे फेस बहुत भयानक लग रहा था तभी उसने एक बच्चे को पकड़ लिया और बोली तुम सब चले जाओ नही तो इस बच्चे को मार देगे गांव के लोगों ने एक साथ मिलकर पकड़ा और उसे उसी बरगद के पेड़ पर बाध दिया बो बोली मैं तुम्हे सबको मार देगे लेकिन गांव बालो ने उसे आग लगा दी और बो जल कर मार गई अब उस गांव में कोई भी खतरा नही है

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घूमती फिरती आत्मा

घूमती फिरती आत्मा

सौरव नाम का एक आदमी अपनी पत्नी के साथ दूसरे घर में सिफ्ट हुआ था और उसकी बेटी की लास गायब हो गई है ये कहानी बहुत ही डरावनी और भयानक है तो दिल थाम के पढ़ो सौरव और उसकी पत्नी एक नए घर में रहने के लिए आए है सौरव जब शिल्पी को नया घर दिखता है तो शिल्पी को नया घर पसंद आ जाता है बो घर बस्ती से कुछ दूरी पर था और बहा किसी भी प्रकार का सोर नही होता था जब सौरव अपने काम के लिए ऑफिस जाता है तभी शिल्पी अकेली रह जाती है तभी  शिल्पी किचिन में खाना बनाने के लिए जाती है बो सब्जी बनाने लगती है तभी डोर बैल बजती है फिर शिल्पी देखती तो कोई भी नही था फिर बो वापस आती फिर से डोर बैल बजती है फिर बो देखती तो कोई भी नही था और और बो बाहर निकल कर देखने लगती है तब भी कोई नही होता है फिर उसके घर से धुआं ही धुआं निकलता है फिर बो अंदर जाती और गैस बंद करती सब्जी पूरी जल चुकी थी तभी कुछ देर में धुआं संता हो जाता है और फिर शिल्पी सब्जी फेक देती है और सौरव से फोन करती है कुछ खाने के लिए लेके घर पर ले  जाओ हम नही कुछ नही बना रहे है हमे बहुत भूख लगी है तभी सौरव बोलता आज ऑफिस में बहुत कम है कुछ बना लो कल लेके आए जायेगे फिर फोन काट देता है फिर शिल्पी मैसेज करती हम कुछ नही बनाए गए कुछ लेके आना जल्दी भूख लगी फिर सोफा पर बैठ कर  टीवी देखने लगती है और तभी उसे लगता है की कोई सीढ़ियों से ऊपर जा रहा है लेकिन बो पीछे देखती तो कोई भी नही था और फिर बो सो जाती है तभी उसकी बैल बजती है तब बो देखती एक पार्सल बाला है बो पार्सल लेती और बॉक्स को खोलती ये सोच रही होती है की ये जरूर सौरव ने ही किया हो गा फिर जैसे ही बॉक्स को खोलती है उस बॉक्स से काले लंबे हाथ निकल आते है और उसका गला पकड़ लेते है बहुत ही मुस्किल से बो अपना गला छुड़बाती है फिर कुछ देर में बैल बजती तो शिल्पी सोचती की अब सौरव ही जो गा लेकिन एक पार्सल बाला था और कुछ ही देर पहले सपने में बही पार्सल बाला था और बो ही बॉक्स था फिर बो बोलती मुझे  नही चाहिए  ये ले जाओ फिर पार्सल बाला बोलता की सर ने इसके पैसे दिए लेकिन बो मना कर देती बो बोलता इसके पैसे नही मिलेंगे वापस फिर शिल्पी गेट लगा लेती है और तभी कुछ देर में सौरव घर आ जाता है और फिर बो दोनो खाना खाते है  सौरव लेके आता है और फिर शिल्पी बोलती यहां कुछ ठीक नही है यह कुछ अजीब है फिर बो बोलता क्या हुआ तब बो बताती की कोई बैल बजाता और देखते तो कोई भी नही होता है सौरव बोलते बच्चे हो गय सैतानी कर रहे हो गय तब शिल्पी बोलती यहां किसी का घर नही है तो  तो बच्चे कहा से आ गए हो गए फिर सौरव बोलता खेलते खेलते आ गया हो गया तभी सौरव बोलता की क्या मगबाया था खाने के लिए फिर ये बात सुनकर सिल्पी दंग रह जाती है की अगर सौरव ने कुछ नही भेजा तो किसने भेजा था दिन में पार्सल फिर  सौरव बोलता सो जाओ रात ही गई और शिल्पी बहुत डरी हुई होती है  फिर कुछ देर में शिल्पी और सौरव दोनो लोग सो जाते है फिर रात को लगभग 1 बजे शिल्पी जाग जाती हैं तब बो ऊपर देखती ऊपर पंखा चल रहा होता है और उसके दिमाग में दिन की बात घूमने लगती है फिर कुछ देर में पंखा धीरे हो जाता है और फिर पंखा के ऊपर एक काली परछाई दिखाई देती है जो शिल्पी को घोर रही होती है और फिर बो सौरव की तरफ देखती तो सौरव सो रहा होता है उस परछाई की तेज लाल आंखे उसे ही गोर रही है तब उसका शरीर जकड़ चुका है और बो सौरव को बहुत तेज आवाज में बुला  रही है लेकीन आवाज नही निकल रही है फिर सुबह हो जाती है और सौरव शिल्पी को जागता है शिल्पी जागती तब सब कुछ बताती है तब सौरव बोलता कोई नही आज ऑफिस में नही जा रहा आज की छुट्टी कर लेता और उसे डॉक्टर के पास ले जाता फिर डॉक्टर बताता है की शिल्पी को आराम की जरूरत है उसे  सदमा लगा हुआ है कुछ  पहले बो अपने कपड़े सुखाने के लिए गई थी और फिर उसकी बेटी नीचे गिर जाती है और बो नीचे आकर देखती तो बो मार चुकी होती है और शिल्पी रोती है फिर बेहोश हो जाती है फिर उसे हॉस्पिटल में एडमिट करवाया जाता है तो बेटी की लास गायब हो जाती है ये सदमा सायद उसे लगा हुआ था क्युकी उसके सामने ही सब कुछ हुआ था फिर रात को सौरव और शिल्पी सो रहे है तभी गेट खुलता दिखाई देता है जैसे कोई परछाई उसे बहुत ही भयानक नजरो से गौर रही है फिर बो  सौरव को जागती है सौरव देखता तो कोई भी नही था बहा पर फिर बो जग लेकर पानी लेने चला जाता है तभी कोई परछाई गेट से अंदर आने की कोशिश करती है लेकिन शिल्पी गेट लगाने लगती है और बो परछाई  बहुत ज्यादा आने की कोशिश करती तभी शिल्पी एक लोहे की रोड लेके  उसके सर पर तेज बार करती है और फिर देखती की ये तो सौरव है और बो मर चुका है और फिर पुलिस उसे पकड़ ले जाती है अब शिल्पी पागल हो जाती है  पहले सौरव सब जान गया था की उसने बेटी को धक्का दे दिया  और पैसे देके लास गायब करवा दी  और बो बेटी उसकी दूसरी पत्नी की थी और अब इसको दूसरी पत्नी ही तंग कर रही है अब शिल्पी पूरी तरह से पागल हो चुकी है ये देखते ही पुलिस बाला बोलता बेचारी देखो पागल हो गई पहले बेटी मार गई और अब पति की हत्या का आरोप लगा दिया गया फिर पुलिस बाला बोलता डॉक्टर से की लास कुछ मालूम चला फिर डॉक्टर बोलता लास का मालूम करना पुलिस का काम है डॉक्टर का नही फिर बहा से डॉक्टर चला जाता है और अपने गार्ड मैन को थैंक्यू बोलता है फिर उसकी पत्नी का फोन आता है की रेनू अब ठीक है और खाना खा रही है और उसने मुझे मम्मी भी बोला है फिर डॉक्टर बोलता रेनू को दिखाओ और वीडियो कॉल करते है फिर देखते रेनू खाना खाती है डॉक्टर के कोई भी बच्चा नही होता है इसलिए बो ये खेल खेलते है और अब सब कुछ ठीक हो गया डॉक्टर को बच्चा मिल गया और शिल्पी पागल हो गई

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मां का प्यार

मां का प्यार

सोहन नाम का एक आदमी था जो अपने बेटा और पत्नि के साथ रहते थे और  सोहन के पेट में कभी कभी दर्द होने लगता था और सोहन एक दिन डॉक्टर के पास जाता है तभी डॉक्टर बोलता तुम्हे अपना खयाल रखना चाहिए क्युकी तुम्हारा छोटा बेटा है और बेटे की बात सुन कर डॉक्टर बोलता सोनू रोता नही है क्या उसकी मां नही होती है फिर सोहन बताता की अब बो अपना काम कर लेता है और टाइम से स्कूल भी चला जाता है और  वापस आ कर होमवर्क भी कर लेता है और कोई सैतानी भी नही देता है और फिर चुपचाप सो जाता है जब सोहन वापस आता है तो उसका बेटा एक कुर्सी पर बैठा था फिर सोहन बोलता की सोनू तुम्हे अकेला पन नही लगता है क्या तब सोहन बोलता नही पापा क्यू हमे तो पहले अकेला पन लगता था जब मम्मी ड्यूटी जाती थी और कभी कभी नाइट में भी जाती थी और अब तो मम्मी घर पर ही रहती है तो हमे कहा से डर लगेगा फिर सोहन पूछता का है तुम्हारी मम्मी फिर सोनू बोलता पापा आपकी पीढ पर है थी तो मैं भी सोचता अगर ये पीढ़ पर रहेगी तो आपको पेट दर्द और ज्यादा हो जाएगा तभी सोहन पीछे देखता तो सोनी उसकी पिढ पर होती है ये देख कर सोहन बहुत डर जाता है और सोनी सोहन को मार देती है सोनी सोहन को इसलिए मरती है क्यो की एक दिन सोहन ने सोनू से पानी मांगा सोनू पानी ले के जा रहा था तभी पानी का गिलास गिर जाता है और गिलास टूट जाता है फिर सोहन सोनू को बहुत मारता है ये देख कर सोनी को बहुत गुस्सा आता है और इसलिए सोनी को मार देती है अब सोनू बहुत डर जाता है तभी उसकी मां अपने अच्छे रूप में आ जाती और बोलती बेटा अपनी मामा को फोन करो बो आकर सब कुछ ठीक कर देगे फिर सोनू अपने सुनील मामा के पास फोन करता है सब कुछ बताता है फिर सुनील आते है और उसके पापा के लास का अंतिम संस्कार करते है फिर बाद में सोनू के मामा सोनू से पूछते बेटा ये बताओ तुम बोलते हो की तुमने अपनी मम्मी को देखते हो कहा पर देखते हो तभी सोनी कुर्सी की तरफ इशारा करता है फिर सुनील मामा पास के घरों में पूछते है और लोग बताते है की उसकी पत्नी किसी के साथ भाग गई है और फिर सुनील समझ जाता कुछ तो बात है जो दीदी इस कुर्सी पर आती है फिर एक दिन सुनील और सोनू बैठ जाते हैं और सुनील बोलता बेटा डरना मत हम तुम्हारी मम्मी को बुलाया है फिर कुछ मंत्र पढ़ता है सुनील एक तांत्रिक है कुछ ही सक्ति जनता है  फिर उसकी दीदी आ जाती फिर एक दिन सोहन पी कर आता है और खाना देखता खा नही था तो उसने मुझे बहुत मरा or धक्का दे दिया और मेरा सर कुर्सी में लगा  और  मैं मर गई फिर उसने मेरी लास पीछे वाले कमरे में रख दी है फिर सुनील  उसकी लास को जला देता है और अंतिम संस्कार करता है और  और अपनी दीदी से बोलता मैं सोनू का पूरा ख्याल रखूंगा तुम चिंता मत करो मैं पढ़ूगा फिर बो   अपने साथ लेगा और उसे बहुत पढ़ाया फिर उसे पढ़ता देख कर उसकी मम्मी बहुत खुस हुई एक दिन  स्कूल के बच्चे ले बहुत परेशान किया फिर दूसरे दिन माफी मांगी और दोस्ती कर ली अब सब अच्छे से रहने लगे

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शराब का  नशा किसी की जान भी ले सकता है इसलिए शराब से दूर ही रहे है  कहानी अच्छी लगे तो कमेंट करे शेयर करें

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मंजुलिका की आत्मा 

 मंजुलिका की आत्मा

ये कहानी बहुत ही पुरानी है और इस घटना को  हजारों साल हो चुके है और ये का कहानी हमीरगढ़ के राजा के टाइम की थी हमीरगढ़ का राजा बहुत ही क्रूर और निर्दई था दो दोस्त घूमने के लिए हमीरगढ़ गए और बो राजमहल पहुंच गए अब राज्य नही चलता है इसलिए बो राजमहल बंद हो गया है टिंकू और मोना घूमने के लिए उसी राजमहल में गय और उन्होंने पूरा महल देखा तभी एक कमरे में ताला और बहुत ताबीज लटक रहे थे तभी टिंकू बोला इस कमरे में क्या हो सकता है फिर मोना बोलती है अरे कुछ हो गा इसीलिए इस कमरे  ताला डाल रखा है लेकिन टिंकू ताला तोड़ देता है और बो दोनो कमरे में जाते है कमरे में बहुत सारी फोटो लगी थी बो सारी फोटो उसी राजा की थी तभी बो लोग सारी फोटो देखते और उनकी नजर अलमारी में पड़ती है फिर मोना बोलती देखो ये फोटो तो बिलकुल रियल लग रहा है फिर उन्हें एक डायरी मिलती है बो डायरी बढ़ते है बहुत पहले हमीरगढ़ में एक राजा था जो बहुत बेकार था बो अपनी प्रजा को बहुत  परेशान करता था कोई उसका कहना न माने तो उसे मार डालता था और इसी डर से सभी उसकी बात मानते थे उसी गांव में एक मंजूलिका नाम एक लड़की बहुत सुंदर और बहुत अच्छा नाचती थी बो रोज राजा को मना करती लेकिन राजा नही मानता और। नाचने के लिए बोल ही देता था  एक दिन मजूलिका ने मना के दिया और राजा के सेनापति वापस लोट आए तभी राजा ने उसकी पिता को बुलाया और उसे मार दिया फिर मजुलिका से बोला अगर तू नही नाचेगी तो तेरे पिता को मार डालेंगे फिर बो नचाने आ जाती है एक दिन फिर से उसने मना कर दिया तो उसने उसकी मम्मी को बुलाया और उन्हें भी मार डाला इस तरह से राजा सबको  मारता जाता था अब उसके पास उसकी नानी और मंजूलिका प्यार करती थी  मीनू से बो ही बच्चे थे राजा अब दिन पर दिन मंजुलिका के साथ कुछ ज्यादा बुरा  सैल्यूट करता है  अब मंजुलिका के पास अपना कोई नही था फिर राजा बोलता आज तू मुझे खुस कर दे तो आज के बाद तू आज़ाद हो जायेगी और तुझे जो अच्छा लगे बो कर सकती है ये बात सुन कर मंजुलिका मान जाती है और फिर मंजुलिका तैयार हो कर आती है तो बो एक अप्सरा जैसी ही लग रही थी तभी सेनापति राजा से बोलता है की मंजुलिका आ गई है फिर राजा बोलता उसे मेरे कमरे में।भेज दो और फिर सेनापति मंजुलिका कमरे में भेज देती है आज मंजुलिका कुछ ज्यादा सुंदर लग रही थी और फिर राजा बोलता आओ मंजुलिका  फिर राजा उसे उठा कर बैठ पर लिटा देता है और मंजूलिका चिल्लाती है लेकिन कोई बचाने नही आता है  फिर राजा उसके कभी बाल पकड़ता तो कभी गाल को दबाने लगता है और उसके  साथ  बहुत ही बुरी तरह से परेशान करने लगता है फिर कुछ देर में बोलता चलो अब नाचो चली मंजुलिक नाचने के लिए बाहर आती है बो बहुत अच्छा नाचती है और फिर सभी  दरबारी बोलते बहुत अच्छा नाचती हो फिर राजा बोलता अपना नाचने का तोफा लेते जाओ फिर अपने सैनिक की तरफ इशारा करता है और थाली से कपड़ा देखता उसके माता पिता नानी छोटे भाई और छोटी बहन और उसके प्यार के भी हत्या के दी और सबके सर देता है अब मंजुलिका को कुछ भी समझ नही आ रहा था किसका लिए पहले रोए दरबार में ये सब देखकर दंग रह गए और फिर राजा अपनी कुर्सी से नीचे आता है फिर मंजुलिका के बाल पकड़ता है और पकड़ता और बोलता तुझे भी हमेशा के लिए आज़ाद कर दुगा तभी मंजुलिका बोलती देखना तेरा मैं क्या हाल करेगी फिर राजा मंजुलिका का सर अलग कर देता है और मंजुलिका मर जाती है फिर एक दिन  राजा अपने।कमरे में सो रहा होता है तभी  गाना खाते हुए मंजुलिका अपना सर अपने हाथ में पकड़ कर राजा के कमरे की ओर आ रही है जो उसे रोकने की कोशिश करता उसे मार डालती थी फिर राजा के कमरे में पहुंच कर बोलती राजा राजा देखो मैं आ गई हुई फिर राजा के अंदर घुस जाती है अब राजा रोज के सैनिक को मार कर खा जाता था तभी सेनापति को मालूम चला तो उसने आ कर देखा तो राजा बहुत की भयानक लग रहा था बो अपना ही मास खा रहा था फिर सेनापति एक तंत्रिक के पास जाता है और सारी बात तांत्रिक को बताता है तांत्रिक बोल्ट अगर तुम इस राज्य को बचना चाहते हो तो राजा के चार टुकड़ा कर दो राजा ने मंजुलिका को बहुत जायदा परेशान किया था तभी सेनापति अपने राजा के चार टुकड़े कर देता है और चारो दिसा में  जला देता है राजा का सर  पचमा हिस्सा था जो उसके रूम में रख दिया जाता है और तांत्रिक अपनी सकती से उसी कर में बंद के देता है और मंजुलिका की आत्मा उसी कमरे में कैद हो जाती है बाहर से ताला दर दिया जाता है और सेनापति आदेश देता इस कमरे को कभी भी मत खोलना जो खोले गए बो अपनी जान को  खो दे गा अब टिंकू उसी कमरे था तभी मोना देखती राजा के आंखो से तेज लाल रोशनी निकली टिंकू और मोना पर पढ़ती है बो दोनो बही मर जाते है और सेनापति अब राज्य करने लगता है

तब तो बोला जाता किसी को ज्यादा परेशान नही करना चाहिए नही तो किसी दिन उसका भी राज्य आए गा

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